हिम्मत
हिम्मत से जी तो देखो, साँसे ले कर जीना-जीना नहीं होता, बिना हिम्मत के किसी इंसान का विकास होता, हो हिम्मत तो पहाड़ चिरने का दम रखते हो, बिना हिम्मत के पंख जैसी वस्तु का भी भार समझ लेते हो, रख इतनी हिम्मत की खुदा भी झुक जाए, तेरे से हार कर हसते- हसते तेरी तक़दीर में वो चीज़ लिख जाए, रख हिम्मत वो मंज़र भी आएगा, प्यासे के पास खुद चल कर कुआँ भी आएगा, बिन हौसले के उड़ान नहीं होती, पंखो से ऊंची उड़ान नहीं होती, मंजिल इंसान का हौसला आजमाती है, सपनो के परदे उसकी आँखो के आगे से हटाती है, किसी बात से हिम्मत नहीं हरना, क्योकि हर ठोकर में इंसान की हिम्मत ही उससे राह दिखती है, हिम्मत से ज़िन्दगी के कठिन पल भी कट जायेंगे , गम की राह में भी ख़ुशी के पल दे जायेगा, ऐ! मुसाफ़िर हिम्मत से तेरी मंज़िल तुझको मिल जाएगी, तेरे कठिन पलो की रात भी ख़त्म हो जाएगी,