सूरज
उजलती-उजलती
सूरज की धूप सुनहरी,
जब अंगाने में आती है,
शरीर में चुस्ती,
और नए दिन की शुरवात का सन्देशा लाती है,
हर रोज़ सुबह सूरज की किरणे हमे उठाती है,
शाम के लाली रंग में अपने घर को जाती है,
लोगो की प्रेणा का एकमात्र सूत्र बन जाती है,
अपनी किरणों से उनके अंदर उत्साह की एक नयी किरण भर जाती है,
मीठी-मीठी सी सूरज की धुप जब अँगने में आती है,
इंसान को जीने का एक नया नजरिया दे जाती है,
दिखाती
यह बस इतना ही ख़ास है,
खुद को जलाकर दुसरो को देती यह प्रकाश है,
जो बूढ़े
बच्चे बिसतार में धुनके रहते है,
उनको यह बिस्तर से बहार निखालती है,
उनके अंदर ऊर्जा दे कर सबके चहरे पर खिलखारिया छोड़ जाती है,
सुबह का समय निराला है,
ईश्वर के दर्शन कर सबने बनाना अपना दिन सुहाना है,
चिड़ियों को उड़ाने की रहा दिखती है,
सूरज को देख उनके पंखो में उड़ान की हवा भर जाती है,
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